वो तेरी नज़रों का खंज़र भी, क्या ख़ूब खंज़र है। हमनें किया जो इश्क़ तुमसे, फिर हुआ दिल ये बंजर है। और....बना था जो एक रोज़ महल प्यार का , वो भी होने लगा अब खंडहर है। कदमों के निशां भी अब मिटने लगें, आया जो हवा का बवंडर है। ✍️✍️माही #footprints #खंज़र