क्या करूं इस जिंदगी की उलझन का तेरे लिए समय ना बचा सकूं समय को तेरी फुरकत में ही ना गंवा सकूं। फुरकत -जुदाई , हिम्मत सिंह writing# thinking # Punjabi poetry# Hindi poetry #Urdu poetry# क्या करूं इस जिंदगी की उलझन का तेरे लिए समय ना बचा सकूं समय को तेरी फुरकत में ही ना गंवा सकूं। फुरकत -जुदाई , हिम्मत सिंह