#OpenPoetry जिंदगी बेरहम बन गई किस कदर ए खुदा तू बता कहां रखा है तु इसका रास्ता पल पल भटकु यहां से वहां मैंने तो सिर्फ तुझे माना तूने क्यों मिलाया इस जहां से कि मेरी जिंदगी बन गई इस.कदर ......... पल पल तडपु तेरी चाह में और तू ने भेजा इस सैतान की जहां में ए खुदा तू बता ऐसी क्या खता की थी मैंने की तूने भेजा इस शैतान की जहां में ... अब तो है बस एक ही चाहत तू बुला ले अपने जहां या मुझे मुक्ति दे दे इस परिस्थिति से क्यों खिलखिलाते हुए फूल को बेरंग बना दिया मैंने तो तुझे चाह कर पाया था तूने क्यों छीना ....... अब तो है तुझसे एक ही दुआ इस बेरहम बन गये पलो को खुशहाल जिंदगी दे दे इतना ना सता कि मैं जिंदगी जीना भूल जाऊं ए खुदा अब तो कुछ रहम कुछ रहम बरसा इस विश्वास का यह सीला मत दे कि मैं विश्वास करना भूल जाऊं तेरी जिंदगी