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ये अंत नही आरंभ है। अब ह्रदय में रोष है, ये एकता

ये अंत नही आरंभ है।

अब ह्रदय में रोष है, ये एकता पर प्रहार है।
वो भीड़ भेष षणयंत्र है।
अब युद्ध की हुँकार है।
ये धरा अब एक कुरुक्षेत्र है।
ये अंत नही आरम्भ है।

क्रोधाग्नि प्रचंड है,रणचंडी का उदघोष है
उन तपोवीरो की आत्मा,की मांग प्रतिशोध है।
ये धर्म अधर्म का द्वन्द है,
ये अंत नही आरंभ है।

पुरुषार्थ को धिक्कार है,जो कायरता का प्रमाण है।
अब मृत्यु ही अंतिम दंड है, हर वीर की दहाड़ है।
ये नए युग का प्रारंभ है।
ये अंत नही आरम्भ है। #nojotohindi #India #yuddh #War
ये अंत नही आरंभ है।

अब ह्रदय में रोष है, ये एकता पर प्रहार है।
वो भीड़ भेष षणयंत्र है।
अब युद्ध की हुँकार है।
ये धरा अब एक कुरुक्षेत्र है।
ये अंत नही आरम्भ है।

क्रोधाग्नि प्रचंड है,रणचंडी का उदघोष है
उन तपोवीरो की आत्मा,की मांग प्रतिशोध है।
ये धर्म अधर्म का द्वन्द है,
ये अंत नही आरंभ है।

पुरुषार्थ को धिक्कार है,जो कायरता का प्रमाण है।
अब मृत्यु ही अंतिम दंड है, हर वीर की दहाड़ है।
ये नए युग का प्रारंभ है।
ये अंत नही आरम्भ है। #nojotohindi #India #yuddh #War
vishalgiri1936

vishal giri

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