We can win respect in the world only, आवाज़ ए वतन वतन के लिए और फ़र्ज़ से जिंदा हु में .... मगर जो चल रहा है बस उसी से शर्मिंदा हूँ में.... लाखो द्रोही खड़े हे वतन में जिनका जमीर सायद मरचुका हे... कोई कब तक जगायेगा. हर दिन मुहीम बनती है और अगले ही दिन बदल जाती है... ©G0V!ND DHAkAD #ManOfPeace