आज न कोई राधा है पवित्र प्रेम करने वाली, न कोई कृष्ण हैं बिना स्वार्थ के चाहने वाले, न ग्वाल हैं गायों की रक्षा करने वाले, न कान्हा कोई बेसुध मिठी बंसी वाला, न मधुर वाणी ह्रदय परिवर्तित करने वाली, न ही दाऊ कोई भाई से इतना प्रेम करने वाला, केवल झगडा हैं जमीन जायदादों वाला। न कोई पर्व गोकुल जैसा नाचें जिसमें सखा आप जैसा,कष्ट हरो प्रभू आकर प्रेम करना सबको सिखलाओ न,भूल गये जो भाषा अपनों की सबक उनको सिखाओ न,आस लगी है दर्स की इक दिन तुम आओगे,पर शिघ्रता करो प्रभू वरना इस जग में फिर कुछ नहीं पाओगे।। ©Miss poojanshi #Dearkanha#dearkrishna#dearkanhaji