कलम कलम हाथ मे रुक सि गयी, आँख मे आँशू जम सी गयी पीड़ा मन मे भरा ईतना की पीड़े से सागर भर दूँ। आज मैं ऐसा क्या ?लिख दूँ जिससे मन का दर्द बयां कर दूँ ,#sad#sayri#who#started#in#the#word#of#pen