तपते लोहे पर इक बूँद जितना तेरा वजूद है, उससे भी कहीं कम तू इस जहाँ में मौजूद है। खुद के गुस्से से डरना चाहिए तुझे ऐ बेरहम, खुदबखुद ही न फट जाये तू अगर बारूद है। तपते लोहे पर इक बूँद जितना तेरा वजूद है, उससे भी कहीं कम तू इस जहाँ में मौजूद है। खुद के गुस्से से डरना चाहिए तुझे ऐ बेरहम, खुदबखुद ही न फट जाये तू अगर बारूद है। @मुहम्मद शमीम #poetry #nojoto #urdu #वजूद #life #anger