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मैं करता हूं मैं खेलता हूं, तभी मुझे जीतने आता ह

 मैं करता हूं
मैं खेलता हूं, तभी 
मुझे जीतने आता है
मै खड़ा हूं, तभी
मुझे चलने आता है
मैं पढ़ता हूं, तभी
मुझे समझाने आता है
मैं मरता हूं, तभी
मुझे जीने आता है
मैं सोचता हूं, तभी
मुझे बोलने आता है 
मैं देता हूं, तभी
मुझे कमाने आता है
मैं गरीब हूं, तभी
मुझे बढ़ने आता है 
मैं इंसान हूं, तभी
मुझे इंसानियत आती है
मैं करता हूं तभी
मुझे करने आता है
मैं खेलता हूं तभी 
मुझे जीतने आता है
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

©AJAY NAYAK
  #nayaksblog #work #Win 
 मैं करता हूं
मैं खेलता हूं, तभी 
मुझे जीतने आता है
मै खड़ा हूं, तभी
मुझे चलने आता है
मैं पढ़ता हूं, तभी
मुझे समझाने आता है
ajaynayak1166

AJAY NAYAK

Silver Star
New Creator

#nayaksblog #work #Win मैं करता हूं मैं खेलता हूं, तभी मुझे जीतने आता है मै खड़ा हूं, तभी मुझे चलने आता है मैं पढ़ता हूं, तभी मुझे समझाने आता है #कविता

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