White ज़िस्म की भूख नहीं, केवल तेरा साथ चाहिये..! अधूरे ख़्वाबों को ऐसी, मोहब्बत की सौग़ात चाहिये..! माँग ने से पहले ही जैसे, मिल जाता है ख़ुदा से..! मुझसे वैसा ख़्वाहिशों का, सुन्दर प्रभात चाहिये..! मुकम्मल हो जाये मोहब्बत मेरी भी, अव्वल ऐसी काइनात चाहिये..! तस्वीर से निकल कर, तक़दीर की मुलाक़ात चाहिये..! जो चाँद हो पसन्द तुम्हें, झिलमिलाती तारों की रात चाहिये..! शहर से दूर हसीं तुम संग, हरा भरा देहात चाहिये..! ©SHIVA KANT(Shayar) #love_shayari #jismkibhook