Read full in captions.. एक मुलाकात ख़ुद से..... वजूदों को ख़ुद की, ये किस कदर मिटाया था मैंने, एक-एक पन्ना तलाशने में, सदियां बीत गई... एक मुलाकात खुद से..... यूं चुभा एक कांटा, तब जा कर कहीं मेरी नींद खुली, अभी तक ख्वाबों में था मैं, अब जा के कही मुझे मेरी तस्वीर मिली, रु-ब-रु हुआ हूं ख़ुद से मैं,