लौट आती फ़िर वहीं शामें तो क्या बात थी, यहाँ तो मैंने आशिकों को मुसाफ़िर बनते देखा है...... न लौट आती फिर वहीं यादें तो क्या बात थी, यहाँ तो मैंने आशिकों को ख़ुद में ही खोते देखा है..... कोई लौट आती फ़िर तो किसी की मुस्कान लौट आती, यहाँ तो मैंने आशिकों को झूठे मुस्कुराते देखा है..... #nojoto #nojotohindi #hindi #hindipoetry #poetry #quotes #myquote #love #hardaha #apnabilaspur #206