दूरियों की ये चुभन मिटाइए हाथ मिलाने ज़रा करीब तो आइए कभी तो हमारी किस्मत बदलिये देखकर किसी रोज हमें मुस्कुराइए राज़ अपने यूं ना सीने में कैद रखिए कुछ हमारे जानिए कुछ अपने बताइए एक तस्वीर के लिए भला ये झगड़ा कैसा ज़रा सी बात का ना यूं बतंगड़ बनाइए कब तक जिन्दगी में देखें हम अमावस कभी तो चाँद बनकर हमारी रातें सजाइए और ना करिये अब फासलों की सियासत गले लगाइए हमें मान भी जाइए! ©KaushalAlmora #प्यार #नजाकत #love #yqdidi #yqbaba #poetry #shayari #365days365quotes