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मै जनता नहीं था कि मुसीबतो मे भी जिंदगी मे खिलावट

मै जनता नहीं था कि मुसीबतो मे भी जिंदगी मे खिलावट हो सकती हैँ
मेरी उलझने   निज़ात पा चुकी थीं और ये जान कर मुझे  अब  और  भी अच्छा लगा 

साँसों की गरमाहट से पिघल  कर बह गए मेरे आंसू
आज होठों  पर  फिर खिलतो हंसी देख कर 
मुझे   अच्छा लगा

©Arora PR
  अच्छा लगा
arorapr7519

Arora PR

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अच्छा लगा #कविता

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