बनकर खड़े हैं लोग कांटे कामयाबी की राह पर , इन्हे राह से हटाएं कैसे? देते है दर्द हजार लोग कहके गलत बातें , इनसे मिले हुए "दर्द "को छिपाऊं कैसे? अपनी राह बनाऊं कैसे? बितती है हर रात भविष्य को फिकर में तू कुछ नही कर पायेगा के ताने देते है लोग इनसे मिले इस "डर "को दूर भगाऊं कैसे ? राह के पत्थर हटाऊं कैसे अपनी राह बनाऊं कैसे?? — % & सुप्रभात। अपनी राह पे आऊँ कैसे, अपनी राह बनाऊँ कैसे... #अपनीराह #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi