फिर कभी... कहूँगी मैं जो कहना है तुमसे,सबकुछ कह दूँगी मैं तुम से प्रेम होना और ज़ुबान को बन्द रखना सब बताऊँगी मैं रात-रात भर तुम्हें सोचना सुबह यूँ ही हो जाना सारी थकान दिखाऊँगी मैं भीड़ में होकर भी अकेला होना संगी जनों का मेरे ऊपर हँसना सारे हाल सुनाऊँगी मैं तुमसे बात करने का मन होना डाँट-डपट मन को चुप करना सारे राज़ बताऊँगी मैं तुम्हें देख दिल का मचलना मन की कहने का मन होना सारी उलझनें सुलझाऊँगी मैं फ़िर कभी बताऊँगी मैं जो कहना है सब कहूँगी मैं..! Muनेश...Meरी✍️🌹 #bestyqhindiquotes #yqdidi #yqhindi #yqwriters #yqpoetry #yqinterviews #yqsahitya