मेंने जिसे पल -पल संजोया है, उसे मैं तोड नहीं सकता । जिसकी सांसों से सांसें जुडी हों, उसे मैं छोड नही सकता।। तू तो जिन्दगी से जाने की बात करती है तुझसे जुडा हूँ इस कदर कि मैं तेरा ये शहर भी नहीं छोड सकता।। --पीयूष यादव unlimited love