#5LinePoetry ऐ उड़ते परिंदे, कुछ तो दुआ दे खुले आसमान की, पिंजरे का दर्द क्या है, अब समझ चुका है इंसान भी.. ©Sarvesh Kumar kashyap #lockdown #Corona_virus #StayAtHome #BURAWAQT #5LinePoetry #muskil_halat