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दिल चाहता है तुझ पर लिखती ही जाऊ। न रोकूँ अपनी कलम

दिल चाहता है तुझ पर लिखती ही जाऊ।
न रोकूँ अपनी कलम।।
सारी रात जागती रहू।
तुझ पर ही लिखती रहूं।।
अब इन आँखों मे नींद कहाँ।
पहले जैसा सुकून कहाँ।।
खो जाती थी जब सपनो में।
तुझे पाने की ज़ुस्तज़ू में।।

      चाहत दिल चाहता है।।
दिल चाहता है तुझ पर लिखती ही जाऊ।
न रोकूँ अपनी कलम।।
सारी रात जागती रहू।
तुझ पर ही लिखती रहूं।।
अब इन आँखों मे नींद कहाँ।
पहले जैसा सुकून कहाँ।।
खो जाती थी जब सपनो में।
तुझे पाने की ज़ुस्तज़ू में।।

      चाहत दिल चाहता है।।
shilpijain8470

chahat

New Creator

दिल चाहता है।।