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तू ये ना समझना म टूटी हू अपनी किस्मत से रूठी हूं च

तू ये ना समझना म टूटी हू
अपनी किस्मत से रूठी हूं
चाहत देने कोई फिर आया था 
डर था पहले की तरह धोखे का
इसलिए खुद से पीछे छुटी हूं B@(#-२+२-
तू ये ना समझना म टूटी हू
अपनी किस्मत से रूठी हूं
चाहत देने कोई फिर आया था 
डर था पहले की तरह धोखे का
इसलिए खुद से पीछे छुटी हूं B@(#-२+२-

B@(#-२+२-