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भारत के बीर योद्धा फौजी ज़िंदगी "जी" रहा था जुनून

भारत के बीर योद्धा

फौजी ज़िंदगी "जी" रहा था जुनून भरी प्रयास में 
माई मत घबराना 'लाल खड़ा' सरहदों के पास में 

"गोलियाँ चल रही थी जहाँ"  मैं था आस-पास में
दुश्मन को दे रहा जबाब छिप झाडियों के पास में

एक ओर थी "यादें"  एक तरह मौत खड़ी पास में
"देशभक्ति का जज्बा" और था तिरंगा मेरे हाथ में

"नज़रों से दूर थी तुम"  पर तश्वीर तेरी थी पास में 
"मीठी यादें" तेरी  बसी थी "धड़कनों" के पास में 

फौजी ज़िंदगी "जी" रहा था जुनून भरी प्रयास में 
माई मत घबराना 'लाल खड़ा' सरहदों के पास में ...

ना थी फिक्र मौत कि अपनी खाई थी माँ कि कस्में 
"एक इंच धरती ना दूँगा" चाल चले जो दुश्मन खेमे

लाख कोशिशें कर ले दुश्मन भटकने न दूँ पास में
मरते दम न दूँगा आने दुश्मन को सरहद के पास में

ऐ वतन वालों दुआँ देना बच्चे छोड़ा हूँ तेरे पास में
शायद मैं ना लौटकर आऊँ दुबारा अब तेरे पास में

फौजी ज़िंदगी "जी" रहा था जुनून भरी प्रयास में 
माई मत घबराना 'लाल खड़ा' सरहदों के पास में .....

©अनुषी का पिटारा.. #wait #Deshbhakti #deshprem #soilders #फौजी
भारत के बीर योद्धा

फौजी ज़िंदगी "जी" रहा था जुनून भरी प्रयास में 
माई मत घबराना 'लाल खड़ा' सरहदों के पास में 

"गोलियाँ चल रही थी जहाँ"  मैं था आस-पास में
दुश्मन को दे रहा जबाब छिप झाडियों के पास में

एक ओर थी "यादें"  एक तरह मौत खड़ी पास में
"देशभक्ति का जज्बा" और था तिरंगा मेरे हाथ में

"नज़रों से दूर थी तुम"  पर तश्वीर तेरी थी पास में 
"मीठी यादें" तेरी  बसी थी "धड़कनों" के पास में 

फौजी ज़िंदगी "जी" रहा था जुनून भरी प्रयास में 
माई मत घबराना 'लाल खड़ा' सरहदों के पास में ...

ना थी फिक्र मौत कि अपनी खाई थी माँ कि कस्में 
"एक इंच धरती ना दूँगा" चाल चले जो दुश्मन खेमे

लाख कोशिशें कर ले दुश्मन भटकने न दूँ पास में
मरते दम न दूँगा आने दुश्मन को सरहद के पास में

ऐ वतन वालों दुआँ देना बच्चे छोड़ा हूँ तेरे पास में
शायद मैं ना लौटकर आऊँ दुबारा अब तेरे पास में

फौजी ज़िंदगी "जी" रहा था जुनून भरी प्रयास में 
माई मत घबराना 'लाल खड़ा' सरहदों के पास में .....

©अनुषी का पिटारा.. #wait #Deshbhakti #deshprem #soilders #फौजी