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हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया। महबूब पे खुद को नील

हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।
महबूब पे खुद को नीलाम करके, 
तन मन सब कुछ उनके नाम कर दिया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।

बेशक दो पल मुस्कुराई थी,
फिर हर पल चुपके चुपके से रोई थी,
खुद का ख्याल दिल से निकालकर,
उसकी खैरियत लेने का इनाम पा लिया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।

आँखों में उसकी तस्वीर बसाकर,
दिल को गुलाम कर दिया,
गालों पे उसके अपने होठो का रंग लगाकर,
खुद को बदनाम कर लिया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।

वो हमें वफ़ा का सबब बताकर, 
बेवफा का पयाम दिया,
भरे महफ़िल में मेरे इश्क को नादान बताकर,
 रुसवाई का फर्ज तमाम किया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।
#thanks#
                    #प्रदीप सरगम# #Passion #Love #shayri #sadShayari #Nojoto #Hindi
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।
महबूब पे खुद को नीलाम करके, 
तन मन सब कुछ उनके नाम कर दिया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।

बेशक दो पल मुस्कुराई थी,
फिर हर पल चुपके चुपके से रोई थी,
खुद का ख्याल दिल से निकालकर,
उसकी खैरियत लेने का इनाम पा लिया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।

आँखों में उसकी तस्वीर बसाकर,
दिल को गुलाम कर दिया,
गालों पे उसके अपने होठो का रंग लगाकर,
खुद को बदनाम कर लिया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।

वो हमें वफ़ा का सबब बताकर, 
बेवफा का पयाम दिया,
भरे महफ़िल में मेरे इश्क को नादान बताकर,
 रुसवाई का फर्ज तमाम किया,
हमने इश्क किया, गुनाह कर लिया।
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