शब्दों को अल्फाजो़ में पिरोने का पेशा तो मेरा बचपन से रहा है दर्द-ए-जख्म देकर सायरा तो तुने मुझे बनाया है कर्जदार हैं हम तेरे शोलो-सा धहकना तो तुने मुझे सिखाया है #sabad