खुशबू का पीछा करते चिनगारी बन जाती है एक पतंगा का जूनून हवा का रुख है करता वेग में खूब है फहरता अकस्मात हवा मुड़ती चिंगारीआग बन जाती फहरना तेज हो जाता अशक्त पतंगे का जोर खुशबू की मूल चाहत भूल का आभाष देती वीरान हो जाता पतंगा फूल छोड़,खुशबू पीछे मूलता अनिवार्य है। ख़ुशबू का पीछा करते वीराने तक आ पहुँचे #ख़ुशबू #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #love #poetry