#Pehlealfaaz किताबों में दबे इश्क का जब दम घुटने लगा, शब्दों की चादर ओढ़ आधी रात निकलने लगा। रख लिये जज़्बात,,,, तोहफे में देने को, सागर चांद जाने किस-किस से मिलने लगा। हर एक में ढू़ंढ लेता है चेहरा उसका वो पास है हर वक्त अजीब भ्रम पलने लगा। अल्फाज़ घुले कानों में मशविरे जहन में कुछ यूँ उसके, मसला कोई हो,, हल एक निकलने लगा। इश्क के पुराने तरीके ढ़ूंढ़ने चला था बेअक्ल अजी ..ये नया दौर है चंद सिक्कों से मिलने लगा। सोचता था अकेला चल पड़ा है इस राह पर देखा बहुत भीड़ है अब तो मेला भी लगने लगा। #kavyanjali #ishq #love