आजकल घर में किसी की तबीयत खराब हो जाये तो घरवालों को संकट दिखता है,, इसलिए नहीं कि बीमार की चिंता है उससे प्रेम है बल्कि इसलिए कि उसकी तीमारदारी करनी पड़ती है, रातों की नींद खराब होती है, पैसे खर्च होते हैं, भर्ती हो मरीज तो अस्पताल में रात रुकना, खाना लाना , गंभीर मरीज है तो बिस्तर पर ही सबकुछ कराना सब भार लगने लगता है, एहसान दारी कर रहे हों ऐसा जताते हैं लोग,ताने मारते हैं,, मगर ये भूल जाते हैं कि मरीज आपका ऐसा व्यवहार सहन नहीं कर सका तो मर जायेगा ये टींस लेकर कि हमारे अपनों ने अच्छा नहीं किया हमारे साथ हमारी बीमारी हालत में,, अगर कोई आपका अपना ऐसे मर जाये तो क्या जीवन भर चैन मिलेगा आपको?? अगर नहीं तो मरीज कोई भी हो उसकी दिल लगा कर सेवा करो ,,मरीज को मौत से पहले मत मरने दो .. बीमारी से तो पीड़ित है ही व्यक्ति अपने झल्लाहट भरे और बेरुखी वाले व्यवहार से उसको और दुखी मत करो, भगवान न करे अगर ऐसी हालत आपकी हो जाए तो?? ऐसा ही आपके साथ किया जाये तो?? वक्त पलटते देर नहीं लगती... हमेशा याद रखो सुख में भी और दुख में भी... वैसे भी भगवान आजकल अपडेट हो गये हैं इस जन्म का इसी जन्म में लौटाते हैं वो भी सूद समेत!! *नोट-लेख इसलिए लिखा है कि बीमार कोई भी हो उसकी सेवा मन से करो,,, एक दो दिन नहीं, एक दो महीने नहीं,,साल दर साल.. जब तक बीमार स्वस्थ नहीं हो तब तक !!* 08 अगस्त 2022 ©Pratibha Dwivedi urf muskan #तीमारदारी #सेवा #बीमारी #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© Sakshi Dhingra Suman Zaniyan