ओ मंदिर के सुमन, तारणहार सृष्टि के कर्ता-धर्ता, तेरे चरणों में नमन मेरा। निज घर मंदिर तेरे पावन एहसासों से सजे, सुबह आरती और फूलों की माला से सजे ये मूर्ति तेरी, तेरे दर्शन से ही प्रसन्न हो जाता है ये अंतरात्मा। तेरे आशीर्वाद से ही हमारी साँसे चले, और तेरे फ़रमान से ही दुनिया से हमारा नाता टूटे। प्रतियोगिता - 03 दिनांक - 13 jan, 2022 Rules :- 👉 collab करके comment में done लिखें। 👉 no plagiarism allowed 👉 only hindi language allowed 👉 word limit - 04 to 06 line