पढ़ लिया जो तुम्हारा दिल मैंने, अब नक्श- ए- वफ़ा मिटाना चाहता हूं देखे जो कभी थे ख़्वाब तेरे, उन सबको आज जलाना चाहता हूं जसबातों की दुनियां में जीता था कभी, अब उससे दूर जाना चाहता हूं जिंदगी थी तुम मेरी, और मंजिल भी, तुम्हें खोकर फ़िर से लूट जाना चाहता हूं परछाईं की तरह यादें हैं तुम्हारी, अब अंधेरे में खो जाना चाहता हूं तुझसे किसी बात की ख्वाहिश तो नहीं तुझमें छिपा तेरा नाम बन जाना चाहता हूं ये मेरी ख्वाहिश है, तुझे दुनियां में मशहूर कर ख़ुद गुमनाम बन जाना चाहता हूं, #☝😓07October 2011 #nakshe wafa part 1st