कि गुलाबों को होंठो से छू लेने दो, उँगलियों को उँगलियों में पिरो लेने दो, ये जो पल है बस हमारा है मुझे शौक से जी लेने दो मुझे बस तुम्हारा और बस तुम्हारा हो लेने दो , इस रुत-ए-मोहब्बत में मुझे भीग जाने दो,! "बस कसूर है मौसम का और हुस्न पहाड़ों का, यहाँ बारों महिने मौसम जाड़ों का,!" #alpanas,,💚""