Nojoto: Largest Storytelling Platform

पाने को कितना हि तरसते है, बेईमानी और दौलत पर कि

पाने को कितना हि तरसते है, 

बेईमानी और दौलत पर कितने हि, 
कुर्बान हो रहे है, 
हम तो तुम पर मरते है, 

मुंतजीर बन कब से राह देख रहे है, 
कि कब इश्क के बादल हम पर भी बरसते है, 

अक्सर तो नजरो में दिखती हो,
जब आंखों में बस जाओगे ,
कह देंगे जमाने से कि, 
सिर्फ तुमसे प्यार करते है,  For my special one....... 🖤❤


#thevinoddhage....

नमस्कार लेखकों।😊

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें ।
पाने को कितना हि तरसते है, 

बेईमानी और दौलत पर कितने हि, 
कुर्बान हो रहे है, 
हम तो तुम पर मरते है, 

मुंतजीर बन कब से राह देख रहे है, 
कि कब इश्क के बादल हम पर भी बरसते है, 

अक्सर तो नजरो में दिखती हो,
जब आंखों में बस जाओगे ,
कह देंगे जमाने से कि, 
सिर्फ तुमसे प्यार करते है,  For my special one....... 🖤❤


#thevinoddhage....

नमस्कार लेखकों।😊

हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें ।
vinoddhage5891

Vinod Dhage

New Creator