रांझा मैं बन न सका हीर तुम भी हो ना पाये। घ्रणित मैं बन न सका प्रेम तुम भी हो ना पाये। तरुण 'तरंग' तृष्णा का सदा दास रहा प्रिये, पूर्णकाम मैं बन न सका तृप्त तुम भी हो ना पाये। ...... सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के ❤️दिल❤️ से.....