#मूक-घटनाएँ "दुनियाँ के लोगो ने देखो, इक अज़ब सी रीत चलायी, जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर परायी, आफ़ताब के तप को जाने, कौन कहाँ तक समझ सकेगा, अमावसी के तम की पीड़ा, कौन हृदय कवि उकर सकेगा, सब जानना दुःख पाना है, अच्छी है कुछ चुप घटनाएँ, कवि मर्म जिन्हें रखना चाहे, होती है कुछ ऐसी रचनाएँ।" #चारण_गोविन्द #चुप_घटनाएँ #चारण_गोविन्द #CharanGovindG #govindkesher #Texture