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जो पूछा ही नहीं वो बताते क्यों हो फ़िज़ूल की चाहत,

जो पूछा ही नहीं वो बताते क्यों हो 
फ़िज़ूल की चाहत, चाहते क्यों हो 

जिसको समझना होगा खुद समझेगा 
दर्द अपना चीख कर सुनाते क्यों हो 

मुहब्बत हैँ तुमसे तो यकीं भी होगा 
वादों के लालच से लुभाते क्यों हो 

उनको तरस ज़ख्मो पे ना आया 
अब नासूर इनको बनाते क्यों हो 

आँखों से चढ़ती हैँ अब मुझे ए साकी 
ये कांच के टुकड़ो  में पिलाते क्यों हो 

वो हुआ बेवफा सो हुआ 
अब नैनो से मोती बहाते क्यों हो 

आशिक़ी  के तो मीर ग़ालिब हैँ 
 इश्क़ का मिसरा सिखाते क्यों हो 


 #Nojoto   #Poetry   #Quotes  
#thoughts   #kalakaksh 
#TheVoiceofQagar
जो पूछा ही नहीं वो बताते क्यों हो 
फ़िज़ूल की चाहत, चाहते क्यों हो 

जिसको समझना होगा खुद समझेगा 
दर्द अपना चीख कर सुनाते क्यों हो 

मुहब्बत हैँ तुमसे तो यकीं भी होगा 
वादों के लालच से लुभाते क्यों हो 

उनको तरस ज़ख्मो पे ना आया 
अब नासूर इनको बनाते क्यों हो 

आँखों से चढ़ती हैँ अब मुझे ए साकी 
ये कांच के टुकड़ो  में पिलाते क्यों हो 

वो हुआ बेवफा सो हुआ 
अब नैनो से मोती बहाते क्यों हो 

आशिक़ी  के तो मीर ग़ालिब हैँ 
 इश्क़ का मिसरा सिखाते क्यों हो 


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#thoughts   #kalakaksh 
#TheVoiceofQagar