रात का अंधेरा और चांद की रोशनी दिल खाली सा और मोहब्बत भी अधूरी, ख्वाइश सबकी चांद की, जमीं जैसे हो प्यासी, एक आस है बरसात की, जैसे प्यास हो बरसो की, अधुरे से ख्वाब, अधुरे से हम, खुशियां जरा नदारद सी है, दिल में भी है थोड़ा सा गम, कोई लौटा दो वो बीते हुए पल, ख्वाब नहीं थे, बस जिया करते थे हम, बोझ नहीं था किसी की चाहत का, खुद को बहुत प्यार करते थे हम, क्यों यू पड़े हम दूसरो की चाहत में, ना जी सके, ना मर पाए, एक ज़िंदगी ही मिली थी खुद को, वो भी अपने नाम न कर पाए। एक चाहत 💗 #theuntouchedvoice #yqhindi #yqpoetry #chahtein #yqlove #love #life