सवेरा सुन ओ बंदया एक वारी मिली या एह जिंदगी मिंलनी नहीं दुबारा , हंस लै खेल लै ,मान लै मौजा , न कर चिंता फ़िक्र किसे गल दी ,जे तेरे चिंता करया कुछ हुँदा ,फेर की लोड सी उस राब नू धयोन दी, सुन ओ बंदया