Guru Purnima नव शिशु दीपक समान, छड़ छड़,है तुमसे ही प्रकाश पाता ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं जग में,तुमको माना जाता तुम चढ़ा चाक बनकर कुम्हार,देकर नव आकृति,नव विचार संस्कृति प्रधान,गुण ज्ञानवान,प्रस्तुत करते,युग निर्माता ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं जग में,तुमको माना जाता निर्बल को देकर शक्ति नयी,निज राष्ट्रहितों में,भक्ति नयी करता अबोध को को तू सुबोध,है सुगम पथ तू दर्शाता ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं,जग में तुमको माना जाता है सदृश तेरा अद्भुत रूप,सबसे है तेरी छवि अनूप दे अज्ञानी को दिव्यज्ञान,तम दूर किए जग का जाता ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहीं,जग में तुमको माना जाता अध्यापकों को समर्पित अर्पित कुमार तिवारी