Nojoto: Largest Storytelling Platform

अजीब इत्तेफाक अजीब सिलसिला हुआ वो एक रोज मेरा हुआ

अजीब इत्तेफाक अजीब सिलसिला हुआ 
वो एक रोज मेरा हुआ 
मैं छोड़कर आई सारी कायनात 
और वो दरवाजे पर खड़ा मिला 
न ज्जबात कम थे न एहसास 
बस मुलाकात में थोड़ा काफिला हुआ 
मैं चूम लेती उसकी निगाहों को 
पर वो दीवाना मेरी आँखों का हुआ 
हुस्न फरत छोड़कर वो पागल 
घायल मेरी बातों से हुआ 
कैसे दूर जाती उससे मन मेरा  उसकी हरकतो का   हुआ  
 
  #NojotoQuote
अजीब इत्तेफाक अजीब सिलसिला हुआ 
वो एक रोज मेरा हुआ 
मैं छोड़कर आई सारी कायनात 
और वो दरवाजे पर खड़ा मिला 
न ज्जबात कम थे न एहसास 
बस मुलाकात में थोड़ा काफिला हुआ 
मैं चूम लेती उसकी निगाहों को 
पर वो दीवाना मेरी आँखों का हुआ 
हुस्न फरत छोड़कर वो पागल 
घायल मेरी बातों से हुआ 
कैसे दूर जाती उससे मन मेरा  उसकी हरकतो का   हुआ  
 
  #NojotoQuote