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बड़ी - बड़ी चट्टानों को हमने टूटते देखा है, गरज़ रह

बड़ी - बड़ी चट्टानों को हमने टूटते देखा है,
 
गरज़ रहे थे कल जो बादल,
 हमने उन्हीं बादलों को एक दिन बरसते देखा है,

सात जन्मों तक की जो कसमे खाते है, 
ऐसे लोगो को भी,
हमने एक दूसरे से हमेशा के लिए रूठते देखा है, 

बड़े वादे बड़ी कसमे खाए थे, 
जब मतलब और दिल भर गया, 

तो,
 
कही और वो अपनी दुनिया बसाए थे ...!

©Umesh kumar #कसमे सात जन्मों की...
बड़ी - बड़ी चट्टानों को हमने टूटते देखा है,
 
गरज़ रहे थे कल जो बादल,
 हमने उन्हीं बादलों को एक दिन बरसते देखा है,

सात जन्मों तक की जो कसमे खाते है, 
ऐसे लोगो को भी,
हमने एक दूसरे से हमेशा के लिए रूठते देखा है, 

बड़े वादे बड़ी कसमे खाए थे, 
जब मतलब और दिल भर गया, 

तो,
 
कही और वो अपनी दुनिया बसाए थे ...!

©Umesh kumar #कसमे सात जन्मों की...

#कसमे सात जन्मों की... #Shayari