अलिक अलक के जाल बीच हरित रहे सिन्दूर से, हरितालिका व्रत वही रिवाज में मंजूर -से, लाली काली (जुल्फें ) गोरी (सूरत ) गोरी ! रच जाये नूर से, रंग छूटे न जीवन में कोई पास कि दूर से, हरियाली लेकिन हो, हो पथ प्रशस्त ले मान, पीले हाथ भी रखें गति नित चलायमान, धन्यवाद हरित - अलिका व्रत, व्रती निरंतर रत !🎉 ©BANDHETIYA OFFICIAL #हरितालिका व्रत ! #Gulaab