चाय सें दोस्ती मेरी खुशबू हर जहर में अमृत घोलती है। कभी डूबकर देखों नशे में सूकून की घड़ी मे सबसे पहले मुंह बोलती हैं। यह हर वक्त ज़िन्दा आसल में आँखे खोलती है। मेरी आशिकी ज़िन्दगी में हर वक्त मिठास घोलती है। कान्ता कुमावत ©kanta kumawat चाय और सुहानी सुबह