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देख कर सड़कों का नजारा आजकल रूह काँप जाती है कुव्य

देख कर सड़कों का नजारा आजकल 
रूह काँप जाती है कुव्यवस्थाओं को देख कर 
बेवस हो चल पड़े हैं पैदल लोग मेरे गाँव के 
सूर्य की तेज  किरणे भी नहीं रोक पा रही 
मजबूर बेवस प्रवासी मजदूरों के काफिले  #मजबूरियांँ #
#क्या करें साहब मजबूर हैं हम #yourquotebaba #yourquotedidi #yourquotemjburi
देख कर सड़कों का नजारा आजकल 
रूह काँप जाती है कुव्यवस्थाओं को देख कर 
बेवस हो चल पड़े हैं पैदल लोग मेरे गाँव के 
सूर्य की तेज  किरणे भी नहीं रोक पा रही 
मजबूर बेवस प्रवासी मजदूरों के काफिले  #मजबूरियांँ #
#क्या करें साहब मजबूर हैं हम #yourquotebaba #yourquotedidi #yourquotemjburi