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मोहब्बत अगर जुल्म है तो सौ बार करो ,, हकीकत में न

मोहब्बत अगर जुल्म है तो सौ बार करो ,,
हकीकत में न सही सपनो में ही प्यार करो ,,
सुना है चाँद करो गुमान है अपनी  सफेदी पर 
टूट जायेगा सब गुमान बस तकरार करो ,,, कवि प्रशान्त दूबे " वत्स " फैजाबाद अयोध्या
मोहब्बत अगर जुल्म है तो सौ बार करो ,,
हकीकत में न सही सपनो में ही प्यार करो ,,
सुना है चाँद करो गुमान है अपनी  सफेदी पर 
टूट जायेगा सब गुमान बस तकरार करो ,,, कवि प्रशान्त दूबे " वत्स " फैजाबाद अयोध्या