Nojoto: Largest Storytelling Platform

ये लम्हा फिलहाल तेरी यादो को भूल जाने का है| कैसे

ये लम्हा फिलहाल तेरी यादो को भूल जाने का है|
कैसे मै दिल को समझाऊ, डर खुद के डूब जाने का है| मशहूर शायर, गीतकार, निर्देशक व पटकथा लेखक गुलज़ार का आज जन्मदिन है। 
18 अगस्त 1936 पंजाब के दीना (जो अब पाकिस्तान में है) गाँव में जन्मे गुलज़ार अपनी विशिष्ठ लेखनी के बलबूते आज साहित्य, फ़िल्म व कला क्षेत्र में एक अनूठे व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते हैं।

उनके एक गीत की पंक्ति पर Collab करें। 
ध्यान रहे पूरे का पूरे गीत न लिखें। बल्कि अपनी कल्पनाशीलता से इस पंक्ति में नए अर्थ जोड़ें।
शुभकामनाएं।

#येलम्हा
ये लम्हा फिलहाल तेरी यादो को भूल जाने का है|
कैसे मै दिल को समझाऊ, डर खुद के डूब जाने का है| मशहूर शायर, गीतकार, निर्देशक व पटकथा लेखक गुलज़ार का आज जन्मदिन है। 
18 अगस्त 1936 पंजाब के दीना (जो अब पाकिस्तान में है) गाँव में जन्मे गुलज़ार अपनी विशिष्ठ लेखनी के बलबूते आज साहित्य, फ़िल्म व कला क्षेत्र में एक अनूठे व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते हैं।

उनके एक गीत की पंक्ति पर Collab करें। 
ध्यान रहे पूरे का पूरे गीत न लिखें। बल्कि अपनी कल्पनाशीलता से इस पंक्ति में नए अर्थ जोड़ें।
शुभकामनाएं।

#येलम्हा

मशहूर शायर, गीतकार, निर्देशक व पटकथा लेखक गुलज़ार का आज जन्मदिन है। 18 अगस्त 1936 पंजाब के दीना (जो अब पाकिस्तान में है) गाँव में जन्मे गुलज़ार अपनी विशिष्ठ लेखनी के बलबूते आज साहित्य, फ़िल्म व कला क्षेत्र में एक अनूठे व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते हैं। उनके एक गीत की पंक्ति पर Collab करें। ध्यान रहे पूरे का पूरे गीत न लिखें। बल्कि अपनी कल्पनाशीलता से इस पंक्ति में नए अर्थ जोड़ें। शुभकामनाएं। #येलम्हा #yqdidi #YourQuoteAndMine