Nojoto: Largest Storytelling Platform

मिलेगी मंज़िल तुम्हें ए रहगुज़र! बताओ उस पार जाना

मिलेगी मंज़िल तुम्हें ए रहगुज़र!
बताओ उस पार जाना कहां है?

न पूछो दर-ब-दर फिर भटकता मिलूंगा,
बसर के सिवा कुछ कमाना कहां है?

न लो कोई इम्तिहाँ रस्म-ए-उल्फ़त से,
फसीं जां क़फ़स से छुड़ाना कहां है?

क्या होगा हसर न पूछो हलक से,
मुरौवत का अब जमाना कहां है ?

शजर से सुनी होंगी कई दास्तान-ए-ख़िज़ां,
कुर्बतों का कोई अब फ़साना कहां है? 

कहीं गुम न होना तुम मिरे रहबर!
फ़क़त इस फलक का ठिकाना कहां है?

मिले शाम खुदा कोई गर्द-ए-मलाल में,
बताओ इस शहर को बुलाना कहां है?
~©Anjali Rai   रहगुज़र- रास्ता / path
बसर- जीवन निर्वाह / live, exist
रस्म-ए-उल्फ़त -  tradition of Love
क़फ़स - पिंजरा / कैदखाना
कुर्बत - नजदीकी / निकट संबंध
दास्तान-ए-ख़िज़ां - Story of Autumn(पतझड़)
रहबर  - मार्गदर्शक / 
गर्द-ए-मलाल - cloud of regret
मिलेगी मंज़िल तुम्हें ए रहगुज़र!
बताओ उस पार जाना कहां है?

न पूछो दर-ब-दर फिर भटकता मिलूंगा,
बसर के सिवा कुछ कमाना कहां है?

न लो कोई इम्तिहाँ रस्म-ए-उल्फ़त से,
फसीं जां क़फ़स से छुड़ाना कहां है?

क्या होगा हसर न पूछो हलक से,
मुरौवत का अब जमाना कहां है ?

शजर से सुनी होंगी कई दास्तान-ए-ख़िज़ां,
कुर्बतों का कोई अब फ़साना कहां है? 

कहीं गुम न होना तुम मिरे रहबर!
फ़क़त इस फलक का ठिकाना कहां है?

मिले शाम खुदा कोई गर्द-ए-मलाल में,
बताओ इस शहर को बुलाना कहां है?
~©Anjali Rai   रहगुज़र- रास्ता / path
बसर- जीवन निर्वाह / live, exist
रस्म-ए-उल्फ़त -  tradition of Love
क़फ़स - पिंजरा / कैदखाना
कुर्बत - नजदीकी / निकट संबंध
दास्तान-ए-ख़िज़ां - Story of Autumn(पतझड़)
रहबर  - मार्गदर्शक / 
गर्द-ए-मलाल - cloud of regret