ना ही कोई कसूर था तेरा ना ही तू खुदा की पराई थी। ना किसी खता या करनी की, कोई सजा ही तूने पाई थी। प्रकृति की सहचरी, धरणी, तुम्हीं अवतार अंबा की, तुम थी! तभी तो खुदा ने, इतनी बड़ी सृष्टि रचाई थी। अरुण शुक्ल "अर्जुन" प्रयागराज Khushi 😄 Sarmistha Das Sarla singh