#OpenPoetry बांकी झीणी-झीणी लुगड़ी में थोड़ों सो उनियारो दिख्यो। पहली बार जिंदगी में चेहरों इत्तो प्यारो दिख्यो। म्हारे हिवड़े हरषघणो आयो। म्हारे तो आँख्या में समायो। चारों तरफ देखूं जठै बांको, ही मुखड़ों छायो #royalbaisa #marwadi #rajasthani #bolteshabddimika