अनंत आकाश को नापता पंछी सोचता नहीं कि आकाश कितना अनंत है वह श्रम करता जाता अपना धर्म करता जाता इसी तरह लक्ष्यप्रेमी अपने लक्ष्य को पाने में अडि़ग रहता है पथ को नापता है अंतिम सांस तक चलता जाता....... कुमार अनंत आकाश का पंछी