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सदियों से चल रहा था जो कारवां , वक्त से निकलकर आय

सदियों से  चल रहा था जो कारवां ,
वक्त से निकलकर आया है ये लम्हा, 
थम गया पहियों का घूमना भी आज  
जाने क्यों इंसानों का दौड़ना बंद हुआ ।
टीम टीमा उठे तारें भी आसमां पे ,
नदिया भी आज कल कल बोल उठी, 
पंछी भी उड़ चली नीले गगन पे,
मेरा दिल भी निरंकुश निकल पड़ा 
जैसे मिला ना था एक अरसे से खुद को।
( Zen पलाश) सदियों से  चल रहा था जो कारवां ,
वक्त से निकलकर आया है ये लम्हा, 
थम गया पहियों का घूमना भी आज  
जाने क्यों इंसानों का दौड़ना बंद हुआ ।
टीम टीमा उठे तारें भी आसमां पे ,
नदिया भी आज कल कल बोल उठी, 
पंछी भी उड़ चली नीले गगन पे,
मेरा दिल भी निरंकुश निकल पड़ा
सदियों से  चल रहा था जो कारवां ,
वक्त से निकलकर आया है ये लम्हा, 
थम गया पहियों का घूमना भी आज  
जाने क्यों इंसानों का दौड़ना बंद हुआ ।
टीम टीमा उठे तारें भी आसमां पे ,
नदिया भी आज कल कल बोल उठी, 
पंछी भी उड़ चली नीले गगन पे,
मेरा दिल भी निरंकुश निकल पड़ा 
जैसे मिला ना था एक अरसे से खुद को।
( Zen पलाश) सदियों से  चल रहा था जो कारवां ,
वक्त से निकलकर आया है ये लम्हा, 
थम गया पहियों का घूमना भी आज  
जाने क्यों इंसानों का दौड़ना बंद हुआ ।
टीम टीमा उठे तारें भी आसमां पे ,
नदिया भी आज कल कल बोल उठी, 
पंछी भी उड़ चली नीले गगन पे,
मेरा दिल भी निरंकुश निकल पड़ा