कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहेंगे तू छोड़ दे इंसानों को पहचान ना ज़र्रा जर्रा ज़रूरत तक का ही महमान अपने गुनाहों को छिपाता हर किसी का यहीं बस कहता ज़माना ख़राब हैं कुछ तो लोग कहेंगे ,कुछ तो लोग कहेंगे दूसरे के कांधे पर बंदूक पर निशाना साधते की कहानी है सदियों पुरानी, कर्म की किताब में मेरे नहीं तेरे भी कर्म में लिखी जानी तेरी ही कहानी , कुछ तो लोग कहेंगे, ©️ जज़्बात ए हर्षिता ♥️ Challenge-483 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।