खोया सा है दिन मेरा, आज कुछ खोयी सी है ज़िन्दगी। जर्रा - जर्रा महक जाओ साँसो में। जो फिर राहत ए सुकून हो जिंदगी में।। ,,.इस युग का मिरज़ा गालिब... #Yaado ka #silsila.... #Ankit